Shodashi Secrets
Wiki Article
चत्वारिंशत्त्रिकोणे चतुरधिकसमे चक्रराजे लसन्तीं
षट्कोणान्तःस्थितां वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥६॥
॥ इति श्रीत्रिपुरसुन्दरीस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥
The Chandi Route, an integral Section of worship and spiritual practice, especially through Navaratri, just isn't merely a text but a journey in alone. Its recitation is a strong Software from the seeker's arsenal, aiding in the navigation from ignorance to enlightenment.
देवीं मन्त्रमयीं नौमि मातृकापीठरूपिणीम् ॥१॥
ह्रीं श्रीं क्लीं त्रिपुरामदने more info सर्वशुभं साधय स्वाहा॥
सर्वज्ञादिभिरिनदु-कान्ति-धवला कालाभिरारक्षिते
For the people nearing the pinnacle of spiritual realization, the ultimate stage is referred to as a state of finish unity with Shiva. Below, personal consciousness dissolves in to the common, transcending all dualities and distinctions, marking the fruits on the spiritual odyssey.
हन्यादामूलमस्मत्कलुषभरमुमा भुक्तिमुक्तिप्रदात्री ॥१३॥
लब्ध-प्रोज्ज्वल-यौवनाभिरभितोऽनङ्ग-प्रसूनादिभिः
प्रणमामि महादेवीं मातृकां परमेश्वरीम् ।
संक्रान्ति — प्रति मास जब सूर्य एक संक्रान्ति से दूसरी संक्रान्ति में परिवर्तित होता है, वह मुहूर्त श्रेष्ठ है।
यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी हृदय स्तोत्र संस्कृत में
पञ्चब्रह्ममयीं वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥५॥